Indian scientist Brahmagupta : भारतीय वैज्ञानिक ब्रम्हगुप्त, The Brahma Gupta is the father of the concept of ‘Gupta zero’ number.
परिचय : Indian scientist Brahmagupta
प्राचीन भारतीय वैज्ञानिक ब्रम्हगुप्त का जन्म इ.सा. 598 को पंजाब राज्य के मुलतान के पास भिल्लमाला नगर में विष्णु नाम के एक विद्वान के घर हुवा। ब्रम्हगुप्त ने उम्र के 30 वे साल में ” ब्रम्हस्फुट ” सिद्धांत की रचना किया। चप घराने के व्याघ्रमुख राज्य के दरबार में अपना आश्रय लिया। गणित विषय की ‘ शून्य ‘ संख्या के संकल्पना का जनक ” ब्रम्हगुप्त ” को कहते है।
शून्य का उपयोग गणित विषय में होने लगा तभी अंकगणित के बड़े अंक लिखना बहुत ही सरल हुए। क्यों की इसके पहले रोमन अंक में लिखना बहुत ही कठिन था। रोमन पद्धत में दस के लिए x, पांच के लिए v, सौ के लिए c आदि रोमन भाषा में लिखते है। गुणाकर – भागाकार करने के लिए ब्रम्हगुप्त का शून्य की खोज बहुत ही महत्वपूर्ण है। एक शून्य रखे की सौ, आगे और एक शून्य रखे की हजार इस तरह से संख्या लिखने में बहुत ही सरल हुई।
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ब्रम्हगुप्त का ब्रम्ह – स्फुट सिद्धांत :
ब्रम्हगुप्त ने बीजगणित पर ” कुट्टकाध्याय ” की रचना की और खगोलगणित के प्रश्न, ग्रह गणित छुड़ाना सरल हुवा। पृथ्वी गोल है यह ब्रम्हगुप्त ने स्पष्ट किया। ब्रम्हगुप्त का ब्रम्ह – स्फुट सिद्धांत इ.सा. 771 में अरबी भाषा में भाषांतरित हुआ।
व्याघ्रमुख राजा ने ब्रम्हगुप्त को आश्रय दिया था इस कारण ब्रम्हगुप्त ने गणित का अभ्यास किया। इ.सा.665 में ब्रम्हगुप्त ने ‘ खंड खाद्य ‘ नाम का विज्ञान ग्रंथ निर्माण किया।
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प्रगतशील प्राचीन भारतीय वैज्ञानिक का निधन इ.सा. 665 को हुआ।
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