Multigene Benefits of Curry Leaf:करीपत्ता के बहुगुणी लाभ, kareepatta ke aushadhiyukt gun:करीपत्ता के औषधियुक्त गुण, Indian dish
welcome to my site www.pravingyan.com आज आप के साथ इस Article के माध्यम से करीपत्ता (Curry leaf) की जानकारी शेअर करेंगे। करीपत्ता का उपयोग अक्सर भारतीय पकवानों (Indian dish) में किया जाता है। करीपत्ता के कारण पकवान और भी स्वादिष्ट (Tasty) बनते है।
करीपत्ता दिखने में नीम के पत्ते जैसा ही दीखता है। करीपत्ता के पेड़ को ‘ मीठा नीम ‘ भी कहाँ जाता है। करीपत्ता पेट के बिमारियों के लिए बेहद लाभकारी है। करीपत्ता के पेड़ की जड़ी का उपयोग किडनी और आँखों के लिए किया जाता है।
करीपत्ता का उपयोग सब्जी, करी, बळे और भजिया आदि बनाने के लिए किया जाता है। करीपत्ता का पेड़ ग्रामीण क्षेत्र में ज्यादा पाया जाता है। शहरी क्षेत्र में करीपत्ते के पेड़ बहुत ही कम नजर आते है। शहरी क्षेत्र में जिस के घर में खुली जगह है, वहा छोटा सा गार्डन बनाते है और वहाँ करीपत्ता का पेड़ जरूर लगाते है और लगाना चाहिए क्यों की, हमारे सेहद के लिए बहुत ही फायदेमंद है।
डायबिटीज, पेटसंबन्धी बीमारी, डायरिया, बालों को मजबूत बनाना, कैंसर, वेटलॉस, लिव्हर, हर्ड और किडनी आदि के लिए करीपत्ता लाभकारी है। Multigene Benefits of Curry Leaf
करीपत्ता में व्हिटामिन a, b1 , b2 , c, कैल्सियम, पोटॅशियम, प्रोटीन, कार्बोहायड्रेड, फ़ॉस्फ़रस, आयरन, नायसिन और सुंगंधित तेल आदि का प्रमाण रहता है।
सर्दियों के मौसम में निम, आम, पिपल और बरगद आदि पेड़ों को पतझड़ लगाती है लेकिन करिपत्ता के पेड़ को पतझड़ नहीं लगती यह इस पेड़ की खास बात है।
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करीपत्ता के औषधियुक्त गुण | kareepatta ke aushadhiyukt gun
- करीपत्ता में एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidant) और एंटीबायोटिक प्रॉपर्टीज (Antibiotic properties) तत्व पाया जाता है।यह इन्सुलेस की गतिविधि को affected करके रक्त शर्करा का स्तर (Blood sugar level) नियंत्रित करता है।आपको करीपत्ता की 5-6 पत्तिया 12 दिन तक सुबह खाली पेट खान चाहिए आपका सुगर लेवल नियंत्रित हो जाएगा।
- जीवनसत्व (Vitamin), खनिज(Mineral), आम्ल(Acid), तेल(oil) आदि तत्व के कारण मानवजाति के लिए करीपत्ता टॉनिक का कार्य करता है।
- पेट संबंधी बिमारियों को दूर करता है। दाह, मूलव्याध, कृमि शूल और सूज आदि रोगों के लिए करीपत्ता बेहद फायदेमंद है।
- करीपत्ता का काढ़ा बनाकर पिनेसे उलटी नहीं होती है।
- करीपत्ता में कैल्शियम और व्हिटमिन-c होने के कारण दाँत, नाख़ून, बाल और हड़िया मजबूत बनते है।
- भजिया, बड़े, आदि पाचनक्रिया के लिए भारी होते है लेकिन करीपत्ता मिक्स करके बनाना चाहिए पाचनक्रिया साफ होती है।
- हगवन, आव, मूलव्याध और पेटदर्द आदि के लिए करीपत्ता का रस शहद के साथ दिन में 3 बार 1 चमच पिना चाहिए आराम मिलता है।
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- दिन में 3 बार करीपत्ता की 5 पत्तिया खाए यूरिन साफ होगी।
- सूजन, एड़िया फटना आदि के लिए करीपत्ते को पीसकर लेप को लगाए आराम मिलता है।
- मधुमेह (Diabetes) के रोगी ने करीपत्ते का सेवन हर दिन सुबह खाली पेट 5-6 पत्तिया खाना चाहिए और थोड़ा गरम पानी 1 ग्लास पीना चाहिए आराम मिलता है।
- करीपत्ता में आयरन की मात्रा होने के कारण खून की कमी भर के लाता है और खून शुद्ध करने का कार्य करता है। चर्म रोग के लिए करीपत्ता लाभकारी है।
- करीपत्ता के तेल का उपयोग औषधि में किया जाता है।
- डायरिया के रोगी ने करीपत्ता को पीसकर छाज में किलाकर पीना चाहिए आराम मिलेगा।
- बालों को लम्बा, घना और काला बनाना चाहते हो तो, आप करीपत्ता को सूखने दीजिए, सूखने के बाद पेस्ट बनाकर पानी के साथ बालों पर लगाए।
- कैंसर जैसी बीमारी को आगे बढ़ने नहीं देता इसलिय कैंसर के रोगी ने करीपत्ता सुबह 5-6 पत्तिया खाना चाहिए।
- वेट कम करने के लिए करीपत्ता का सेवन खाली पेठ सुबह हर दिन 5 पत्तिया खाए और 1 ग्लास थोड़ा गरम पानी पीजिए आपका वेट कम होते नजर आएगा।
- किडनी, हर्ड और लिव्हर में इंफेक्शन जैसी बीमारीयों के लिए करीपत्ता बहुत उपयोगी है।
- करीपत्ता के पेस्ट में हल्दी मिलाकर अपने चेहरे पर 30 मिनट लगाकर रखे उसके बाद ठंडे पानी से चेहरा धो लीजिए। पेस्ट लगाने से चेहरे के दाग-धब्बे, मुँहासे आदि की समस्या दूर होती है और चेहरा निखरने लगता है।