Multicolored Benefits of Lotus Flower:कमल फूल के बहुगुणी फायदे, names, species, Benefits, National flower kya hai?: नाम, प्रजाति, लाभ, राष्ट्रीय फूल क्या है.
हमारे प्रकृति में कुछ फूल और पौधे मौजूद है जिनके गुण और खूबसूरती हर मायने में बेमिसाल है।अगर हम फूलों की बात करे तो, हजारो लाखो फूलों की प्रजातियां हमारे प्रकृति में विद्यमान है जिसकी खूबसूरती देखते ही मन को मोहित कर देती बनती है। आज हम बात कर रहे है, ‘ कमल ‘ के फूल की, जो कीचड़ में खिलता है।
कमल को भारतीय संस्कृती, सभ्यता, अध्यात्म और दर्शन में पवित्र, पूजनीय, सुंदरता, सदभावना, शांति, स्मृति और बुराईयोंसे मुक्ति का प्रतिक माना जाता है। कमल का वैज्ञानिक नाम ” निलम्बो न्यूसीफेरा (Nelumbo Nucifera) ” है। कमल को पवित्र पुष्प माना जाता है।
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Lotus फुल की खास बाते:
भारत देश हमारा फूल, पौधों से हरा भरा देश है, कमल को राष्ट्रिय फूल (National flower) का दर्जा प्राप्त है। कमल का विश्व में 10 वा क्रमांक लगता है और एशिया में 4 था क्रमांक लगता है और जलीय पुष्प में कमल का स्थान प्रथम है।
कमल के पुष्प और बीज, जड़ आदि का उपयोग करके यूनानी चिकित्सा आयुर्वेदिक और एलोपैथिक आदि दवाइयाँ बनाई जाती है। कमल की खेती एशिया में उष्णकटिबंधीय भागों में होती है। ईरान, जापान, ऑस्ट्रेलिया और कोरिया में कमल की खेती की जाती है।
चित्रकार शिल्पकार और कोरीवकाम करनेवाले कलाकार लेखक, कवी आदि का मन हरनेवाला, लुभानेवाला रामायण, महाभारत और मौर्योत्तर कालीन साहित्य में जैसे की, गांधार, मथुरा में कमल के फूल की शिल्पकला है। कमल के पुष्प सफ़ेद, पिले, गुलाबी, लाल, नीले, जामुनी आदि रंग के रहते है, लेकिन उसमे से सफ़ेद, लाल और नीला कमल को विशेष महत्व है। सफ़ेद कमल को पुंडरीक, लाल कमल को कोकनद, निले कमल को इंदीवर आदि नाम से जाने जाते है।
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कमल के नाम | Lotus names
- मराठी – कमळ
- हिंदी – कमल
- इंग्लिश – लोटस (lotus)
- गुजरती – धोला कमल (ઢોલલા કમલ)
- बंगाली – पद्य (পদ্মা)
कमल की प्रजातियाँ | Lotus species
1 कमल ककड़ी- कमल ककड़ी सब्जी के लिए पंजाब में बहुत ही पसंद करते है।
2 कमल और कुमुद- कुमुद के फूल का पत्ता पूरी तरह गोल नहीं होता और कमल पत्ता पूरी तरह गोल रहता है।
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कमल के बहुगुणी लाभ | Benefits of lotus
- विज्ञान के नुसार कमल के फूल, पत्तियों में न्यूसिफेरिन और रोमेरिन क्षार पाया जाता है। कमल के फूल पत्तियों में लोह, कैल्शियम, फ़ॉस्फ़रस, शर्करा, एस्काबिंक एसिड, विटामिन बी, सी की मात्रा रहती है।
- कमल के सूखे बीजों में प्रोटीन की मात्रा – 17.2 % , वसा की मात्रा- 2.4%, कार्बोहड्रेड की मात्रा – 66.6% आदि।
- आव, हगवन, पित्त, कप, गर्मी, रक्त विकार, बवासीर आदि के लिए कमल का पुष्प और पत्तियों का उपयोग किया जाता है।
- मूत्रविकार, अतिसार, त्वचा रोग, रक्तस्त्राव आदि के लिए कमल बहुत ही कारकर है।
- कमल के पुष्प की पंखुड़ियाँ और पत्तियों को पिस कर लेप को रात में सोते समय चेहरे पर लगाए और सुबह पानी से धोना चाहिए, चेहरा निखरता है।
- Lotus के फूल के सेवन से ह्रदय का तेजीसे धड़कना कम होता है।
- कमल के फूल का सरबत लेने से शरीर की गर्मी कम होती है।
- Lotus का चूर्ण शहद, खड़ीशक़्कर और लोनी के साथ लेने से
- रक्तातिसार(Anemia) का रोगी अच्छा होता है।
- कमल की पत्तिया, पुष्प, देठ, कंद, बीज का उपयोग खाने के लिए किया जाता है, इस से आप सब्जी, अचार आदि बना सकते है।
- Lotus के पुष्प का गुलकंद, इत्र बनाया जाता है।
- कमल की जड़ की सब्जी खाने से दूध की मात्रा बढ़ती है।