Benefits of eating papaya:पपीता खाने के फायदे, Phosphorus, calcium, vitamin A, D, calcium, iron and cholesterol kaise paye.
पपीता हमारे लिए हिरे की खान है क्यों की हमारे त्वचा को चमकदार लचीला बनती है और स्वास्थ स्वस्थ रखती है। इस फल में विटामिन सी, ए, कैल्शियम और आयरन की मात्रा पाई जाती है। फायबर के कारण केलेस्टॉल कम करता है। पाचन क्रिया , आँखों के लिए बहुत ही फायदे मंद है। इस लेख में पपीता खाने के लाभ (Benefits of eating papaya) बताने जारहे है।
विश्व के किसी भी कोने में पपीता की खेती की जाती है। पपीता के पेड़ भारत में सभी जगह पर है। पपीता का पेड़ भारत का नहीं है। इस का पेड़ दक्षिण अमेरिका, ब्राझिल का है। पोर्तुगीज लोगों ने पपीता के पेड़ को भारत में लाए है। ”पपीता” यह नाम पोर्तुगीज है।
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पपीता के नाम | Name of Cariya Papaya Linn
- संस्कृत – एरंडककटी
- हिंदी – पपीता Benefits of eating papaya
- मराठी – पपई
- इंग्लिश – Cariya Papaya Linn
पपीता मे जलीय अंश, प्राथिने, चर्बी, कोर्बोदीत, फ़ॉस्फ़रस, कैल्शियम, जीवनसत्व ‘ अ ‘ और ‘ क ‘ रहता है। पपीता जितनी ज्यादा पकती है, उतना पपीता में व्हिटॅमीन्स की मात्रा बढ़ती है। पपीता से मिलनेवाला व्हिटामिन ‘ ए ‘ व ‘ डी ‘ आँखों और चेहरे के लिए बहुत फायदे मंद है। हड्डियों को मजबूत करनेवाला कैल्शियम और खून बढ़ानेवाला आयरन का प्रमाण पपीता में रहता है। पपीता शारीरिक और मानसिक उत्साह, मैनपावर बढ़ानेवाली है।पपीता से दूध बढ़ता है और हृदयविकार के रोगी ने खाना चाहिए।
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पपीता के औषधियुक्त गुण | Medicinal properties of papaya
- कफ, रक्तदोष, बवासीर इसके लिए पपीता खाना बहुत ही लाभकारी है।
- पपीता से पेट साफ होता है। दोपहर में खाना खाने के 1 घंटे के बाद पपीता खाना चाहिए।
- बालक के माता ने कच्ची पपीता की सब्जी खाने से दूध का प्रमाण बढ़ता है।
- जुलाब के लिए कच्ची पपीता उबालकर खाने से पेट के जंतु नष्ट होते है।
- कच्ची पपीता पर चीरा लगाकर पपीता का दूध बाहर निकलता है यह दूध जिस माता को दूध नहीं आता है उस माता को देने से दूध का प्रमाण बढ़ता है।
- कच्ची पपीता से निकलनेवाले दूध में औषधि तत्व रहते है। पपीता के दूध से दवा बनाई जाती है।
- पाचनशक्ति कच्ची पपीता की सब्जी खाने से बढती है, और मूत्रपिंड के विकार दूर करती है।
- कच्ची पपीता का रस मुँह पर लगाने से मुँहासे, इसब, नायटे, खाज-ख़रूज पर लगाने से आराम मिलता है।
- पकने के बाद पपीता पिली होती है और इस तरह की पपीता खाने से पेट, पेशाब की समस्या दूर होती है।
- पपीता खाने से बुढ़ापा जल्दी नहीं आता।
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- आव, अतिसार, अपचन, आम्ल पित्त के लिए पपीता के दूध का उपयोग किया जाता है।
- पपीता के पेड़ का चिक और सहद को मिलाकर खाने से पेट के जंतु नष्ट होते है।
- गले का विकार, टॉन्सिल्स, जीभ का रंग, मुँह में जखम होना, शरीर पर गाठ-गाठ आना इन को पपीता का दूध लगाने से यह विकार दूर होते है।
- पपीता के पेड़ के ताजे पत्तों का कड़ा बनाकर कुरला करने से टॉन्सिल का दुखना कम होता है।
- कुमारियों ने मासिक धरम के बाद और (डॉक्टर की सलाह लेकर) गर्भवती महिला ने बच्चें को जन्म देने के कुछ दिनों के बाद कच्ची पपीता की सब्जी खाना बहुत ही लाभकारी है।
- मटन पकाते समय कच्ची पपीता के तुकडे डालने से मांस मऊ और लचीला बनता है।
- पपीता के दूध को पेपेन कहते है। यह पाचन के लिए बहुत ही लाभकारी है। पेपेन का उपयोग छोटे बच्चों के बिमारियों के लिए किया जाता है। पेपेन को सुकाकर उसका चूर्ण बनाते है।
- कच्ची पपीता का लोनंच, पकी पपीता की चटनी, हलवा, खीर और वजन बढ़ाने के लिए पपीता खाना चाहिए।
- पपीता का उपयोग केक, मसाला पान, फ्रूटी, जाम, जेली इत्यादि बनाने के किया जाता है।