Benefits of eating grapes :अंगूर खाने के फायदे(Frozen grapes), Grape is very beneficial for us: , (grapes for weight loss):वजन घटाने के लिए अंगूर(grapes for weight loss)
Grapes सभी का पसंदीदा फल होता है। Grapes सेहद के लिए बहुत ही लाभकारी है क्यों की इसमें एंटीएक्सिडेंट की मात्रा रहती है। Grapes खाने के फायदे अनेक है क्यों की इसमें विटामिन्स A,K,C और B6 पाया जाता है। Grapes के सेवन से पाचनतंत्र और किडनी डिसऑडर्स जैसी समस्या दूर हो सकती है। Grapes सर्दी और गर्मी के मौसम में खाये जनेवाला फल है।
Grapes सभी फलों से श्रेष्ठ और उत्तम फल समझा जाता है। अंगूर को रोगी, निरोगी, वृद्ध, छोटा बच्चा, युवक, कमजोर अादि के लिए लाभदायक फल है। भारत में अंगूर प्राचीन काल से उपलब्ध है। अंगूर में जीवनसत्व ए, बी, सी का प्रमाण है। वैसे ही प्रोटीन, कैल्शियम, पोटाशियम, फ़ॉस्फ़रस, आयरन, तांबे, फोलिक, एसिड, सोडियम, ग्लूकोज, मैलिक एसिड आदि मिनरल्स पाए जाते है। अंगूर के साल में टैनिन नाम का घटकद्रव रहता है।
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भारत में पंजाब, हरियाणा, और महाराष्ट्र में बढे पैमाने पर अंगूर की खेती की जाती है। महारष्ट्र में अंगूर की खेती कृत्रिम पद्धति से की जाती है। सर्वश्रेष्ठ अंगूर के प्रजाति की खेती यूरोप, फ्रान्स, इटली और अमेरिका के कलिफ़ोर्निया में बढे पैमाने पर खेती की जाती है।
अंगूर का बेल रहता है। तीन साल के बाद अंगूर के बेल को झूमकेदार अंगूर लगते है। अंगूर के बेल को फरवरी-मार्च में बहुत ही मीठे अंगूर लगते है।
अंगूर के नाम | Name of Grapes
- मराठी – द्राक्षे Benefits of eating grapes
- हिंदी – अंगूर
- इंग्रजी – Grapes
अंगूर के प्रकार | Types of grapes
- काले अंगूर – बहुत ही गुणकारी रहते है।
- सफेद अंगूर – मधुर, पौष्टिक रहते है।
अंगूर में उत्साहित और प्रसन्नता करने का कुदरती गुण है। अंगूर खाने से खून शुद्ध होता है, शक्तिवर्धक, पौष्टिक, पाँचक आदि गुणों से युक्त है।
यकॄत विकार, पंडुरोग, खून की कमी आदि विकार दूर होते है। अंगूर की बी, अंगूर और पत्ती का उपयोग दवा के लिए किया जाता है। बढे अंगूर को सुकाकर मनुका तैयार किया जाता है और बिना बीज के छोटे अंगूर को सुकाकर किसमिस तैयार किया जाता है।
अंगूर के औषधियुक्त गुणधर्म | Medicinal properties of Grapes
- एक चमच अंगूर का रस छोटे बच्चे को पिलाने से कब्ज दूर होता है।
- जिस बच्चे के दात निकल रहे है, ऐसे समय पर सुबह शाम अंगूर का रस एक चमक देना चाहिए दात निकलने में कोई परेशानी नहीं होती।कैल्शियम से दात और हड्डिया मजबूत होती है।
- अंगूर का रस गरम करके लेप तैयार करना है , उसके बाद लेप को बॉटल में रखना है और रात में सोते समय काजल के जैसा आँखों में लगाना है। इस से आँखों की खाज, सर दर्द, आँखों के पापनियों के बाल झड़ना आदि विकारों से छुटकारा पा सकते है।
- पके अंगूर प्रतिनि खाने से अनीमिया, मूत्राशय का रोग आदि विकारों से बचाव होता है।
- बीमार व्यक्ति के नाक-मुँह किंवा पेशाब से रक्तस्त्राव होता है ऐसे व्यक्ति ने सुबह-शाम अंगूर खाना चाहिए।
- क्षयरोग के रोगी को प्रतिदिन अंगूर खाने को देना चाहिए, आराम होता है।
- अंगूर में पोटॅशियम मिनरल्स ज्यादा मात्रा में रहते है, इस कारण किडनी के रोग, उच्च रक्त दाब (Blood pressure) और त्वचा रोग आदि विकारों से छुटकारा पा सकते है।
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- मनुका को रात में सोते समय खाना है और गरम कोहमट पानी पीना है इस से पेट साफ होता है और आंत की गर्मी कम होती है।
- बुखार के समय मुँह की टेस्ट चली जाती है। ऐसे समय पर मनुका में सैधव नमक मिलाकर खाना चाहिए मुँह की टेस्ट आती है।
- पेशाब साफ नही होती होगी तो रात में मनुका को पानी में भिगोकर उसी पानी में मनुका को तोड़ के उसमे जीरा की फक्की डालकर पीना चाहिए।
- तल हाथ, तल पैर आँखों की अंगार, थकवा आदि के लिए मनुका और आदीशेप रात्र में पानी में भिगोकर रखना है और सुबह खड़ी शक़्कर मिलाकर पिने से विकारों से छुटकारा मिलता है।
- किसमिस में ग्लूकोज की मात्रा रहती है। किसमिस पाचन के लिए फायदेमंद है। पाचन होने के लिए पदार्थ में किसमिस डालते है। पौष्टिक आहार के रूप में किसमिस का सुका मेवा के तोर पर उपयोग किया जाता है।
- काले अंगूर को मेथी के सब्जी के साथ खाने से मल के द्वारा जानेवाला खून बंद होता है
- अंगूर की शरबत क्षयरोग और गर्मी के विकार के लिए उत्तम है। सुबह-शाम शरबत लेना चाहिए।
- Grapes के बीज के चूर्ण में भीमसेनी कपूर मिलाकर दंतमंजन बनता है। इस मंजन से दात घिसने से मुखदुगन्धि, दात हिलना, खून निकलना, पायोरिया आदि विकारों के लिए गुणकारी है।
- अंगूर के पत्तियों का रस 10 ग्राम और गाजर का रस 10 ग्राम मिलाकर खाली पेट पिने से मुतखडा, पेशाब साफ आदि विकार दूर होते है।
- छोटे बच्चों को अंगूर ज्यादा खाने नहीं देना चाहिए, क्यों की, हगवन लग सकती है।