benefits of eating berries:जामुन खाने के लाभ(health benefits of eating berries),What benefits can we get from eating this fruit.health benefits of eating blueberries.
जामुन एक ओषधि युक्त फल है। यह फल मीठा होता है, इसमें Glucose and fructose की मात्रा पायी जाती है। जामुन में मानव शरीर में पाए जाने वाले आवश्यक पोषक तत्व होते हैं।
प्रकृति के नियम को कोई रोक नहीं सकता, प्रकृति अपने मन का राजा है। प्रकृति अपने नियम के अनुसार हमें अपने मौसम में फल देती है और हम बड़े आनंद से फलों का आनंद लेते हैं। सर्दियों (winter) में अमरुद, (गर्मियों) summer में आम और बारिश (rain) में जामुन हमें खाने मिलती है। इस तरह से प्रकृति फल प्रदान करती है। इस फल को खाने से हमें क्या लाभ मिल सकते हैं? (In this way, nature gives fruit. What benefits can we get from eating this fruit), वृक्षों से क्या लाभ हैं? (What are the benefits of trees) इसकी जानकारी आपको बताई जाएगी। दोस्तों आज का विषय है, जामुन खाने के लाभ (Benefits of eating berries)…….
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जामुन के नाम|Name of Jamun
- मराठी- जांभुळ
- हिंदी – जामुन benefits of eating berries
- इंग्रजी – Jaman Black Plum
- आयुर्वेद शास्त्र में – महाफल &फलेंद्र
जामुन की बी बढ़ी रहती है, उसके अंदर गर कम रहता है। पकने के बाद जामुन को नीला रंग आता है और उसे निलाफल भी बोलते है। जामुन का पेड़ 70-80 फुट रहता है।जामुन छोटी और बढ़ी दो प्रकार की रहती है। जामुन तूरट, मीठी और खट्टी इस तरह से मिश्रित टेस्ट रहता है। यह फल में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेड, कैल्शियम, फ़ॉस्फ़रस, आयरन, चुना इ. का प्रमाण रहता है। व्हिटामिन ए, बी, सी रहता है और ‘ सी ‘ जीवनसत्व ज्यादा मात्रा में रहता है। जामुन में पीला सुगंधित तेल रहता है। जामुन के बी में ग्लूकोसाईड, फनिलयुक्त, एलाजिक एसिड, कोलिन और फॉलिक एसिड रहता है। जामुन और बी में सक्खर पाचन करने का गुण है। मधुमेह के लिए जामुन अच्छी है।
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Medicinal properties of berries:जामुन के औषधियुक्त गुणधर्म
- जामुन का ताजा रस ह्रदय के लिए बहुत ही गुणकारी है। अपचन, जुलाब, मुरडा, मुतखडा, रक्तपित, अनीमिया, पांडविकार(रक्त क्षय) इस विकार पर जामुन का रस फायदेमंद है। रस प्रतिदिन एक ग्लास लेना चाहिए।
- जामुन, कफ, पित्त, वातकर और पाचक मूलक गुण है।
- पिलिहा, यकृत विकार, पोटदुखि, अपचन, अग्निमाद्य इस विकार पर जामुन का रस फायदे मंद है क्यों की जामुन में आयरन की मात्रा रहती है।
- खून में से सक्खर की मात्रा कम करने का गुण जामुन में होने के कारण मधुमेह का विकार जिस व्यक्ति को है, उसने जामुन ज्यादा से ज्यादा खाना चाहिए। वैसे ही जामुन के बीज को कूट कर कपडे से छान कर उस चूर्ण को सुबह-शाम एक चमच गरम कोहमत पानी में लेना चाहिए।
- गर्मी के दिनों में उष्ण विकार से बचने के लिए एक ग्लास जामुन का सहद मिलकर लेना चाहिए।
- पीलिया के मरीज ने जामुन का रस लेना चाहिए। रक्त दोष दूर होने के लिए जामुन का रस पीना चाहिए।
- पेशाब कम होना, मूळव्याध / बवासीर का रक्तस्त्राव होना, पैर की अंगार होना, आँखों में जलन होना, नींद आना इ. के लिए जामुन का रस गुणकारी है।
- जामुन के कवले पत्तो का काढ़ा बनाकर कुरला करने से दात हिलना, दात, मसूड़ों में सूजन आना इ. विकार दूर होते है। इस काढ़े से दात और मसूड़े मजबूत होते है।
- जामुन का सेवन त्वचा के लिए अच्छा होता है(Eating berries is good for the skin)
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- घमोरी को जामुन की बी को घस के लगाने से घमोरी से छुटकारा मिलता है।
- जामुन के पेड़ की साल का चूर्ण आव, खून की संडास होनेवाले व्यक्ति को दूध में देने से आराम होता है।
- जामुन के पेड़ की साल का काढ़ा बनाकर उसे सहद मिलाकर हगवन और अतिसार के मरीज को देने से आराम होता है। स्त्री के प्रदर रोग के लिए काढ़ा आराम करता है।
- खोबरा तेल में मिलाकर जले हुए जगह पर जामुन के पेड़ की राख लगाने से आराम होता है।
- जामुन के पेड़ का लकड़ा बहुत टिकावु रहता है। मकान बनाने के लिए और खेती का सामान बनाने के लिए उपयोग किया जाता है।
- जामुन खाने के पहले पानी से धोना चाहिए और नमक लगाकर खाना चाहिए। वात के व्यक्ति ने जामुन नहीं खाना चाहिए। उपवास करने के बाद तत्काल जामुन नहीं खाना चाहिए। सूजन और किडनी के रोगी ने जामुन नहीं खाना चाहिए।