First Love Story hindi:पहले प्यार की कहानी sweet first love full story, pyar ka pehla naam kya hai, kya yeh mera pehla pehla pyar hai,pyar kya hai explain in hindi.
मेरा नाम प्रतिक मै पढ़ाई के लिए हैदराबाद चला गया हैदराबाद में किराये के मकान में रहता था। हमारे स्कुल की ट्रिप 9 कक्षा में गोवा, कश्मीर, कन्याकुमारी, महाराष्ट्र दर्शन के लिए गई थी। हमारे स्कुल से कक्षा 8 से 12 तक के छात्र ट्रिप को आए थे। स्कुल से एक ट्रैवल बनाए थे। सभी छात्रों ने अपने लिए नास्ता बनाके लाए थे सभी साथ में ही नास्ता करते थे लेकिन पता नहीं एक लड़की जिसका नाम प्रतिक्षा था। प्रतीक्षा हुशार और बहुत बड़े घराने की लड़की थी और मै गरीब घराने का लड़का था लेकिन प्रतीक्षा मेरा बहुत ही ख्याल रखती थी। अपने पास का नास्ता मुझे देती थी और मेरे पास का नास्ता खुद खाती थी। First Love Story
अचानक मेरी तबियत ख़राब हो गई उस समय में उसने मेरी बहुत सेवा की उसने मेरे लिए दवा भी खरीद के दी थी और एक अच्छा डॉक्टर बनना यह उसका सपना था। मेरे जन्म दिन के दिन सबसे पहले रात 12 बजे मुझे विश करती थी और पूछती थी की आपको किसी ने मेरे पहले विश किया क्या ? लेकिन मुझे प्रतीक्षा के अलावा कोई विश नहीं करता था। मै अपने जन्म दिन पर उसे और उसके मम्मी-पापा को बुलाता था। प्रतीक्षा भी अपने जन्म दिन पर मुझे बुलाती थी और अपने हाथों से केक मुझे खिलाती थी। मै उसे गिफ्ट भी देता था। प्रतीक्षा के कारण उसके मम्मी-पापा से मेरी पहचान बनी और कभी-कभी मुझे खाने पर भी बुलाते थे। First Love Story
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10 वि का रिजल्ट था मै रिजल्ट देखने के लिए अपने पुराने सायकल को पोच रहा था उतने में ही प्रतीक्षा अपने स्कूटी से आई और मुझे स्कूटी पर रिजल्ट देखने के लिए लेके गई। रिजल्ट देखते बराबर बहुत ही खुश हुए क्यों की, प्रतीक्षा First नंबर से पास हुई थी।उस दिन उनके घर पर पार्टी थी पार्टी में मुझे भी बुलाया गया। मै हैदराबद से अपने गांव आया। First Love Story
प्रतीक्षा से फोन से ही बात होती थी। कुछ दिनों के बाद मेरा फोन ही गुम हो जाता है। मेरी बात करना प्रतीक्षा और उसके मम्मी-पापा से बंद हो जाती है। 2 साल तक मेरी प्रतीक्षा से बात नहीं हुई एक बार मुझे प्रतीक्षा की बहुत याद आई मै उसे मिलने के लिए हैद्राबाद चला गया लेकिन वहा जाकर देखता हु तो उनके मकान को लॉक लगा था। आजु-बाजु के लोगो से पूछा तो बोले पता नहीं कहा गए तो एक साल हो गया। First Love Story
12 वि के बाद मैंने कॉलेज में एडमिशन किया। कॉलेज में मुझे लायब्रेरी में दिखी। उसका प्यारासा मुस्कुराता चेहरा देख के मुझे बहुत ख़ुशी हुई। मेरी इच्छा हुई की प्रतीक्षा से बात किया जाए लेकिन मन की इच्छा मन में ही रख दी अपना-अपना लेक्चर देने के लिए कक्षा में बैठ गए। प्रतीक्षा से बात करने का मौका स्नेह संमेलन के दिन आया। First Love Story
बहुत हिम्मत के साथ में, मैं प्रतीक्षा से बात करने गया।
प्रतिक : प्रतीक्षा, आज कल बात नहीं करती।
प्रतीक्षा : नहीं रे, ऐसी कोई बात नहीं। छुट्टीयों में क्या करेगा।
प्रतिक : कुछ नहीं।
प्रतीक्षा : ok , मुझे जाना है।
प्रतिक : ok, प्रतीक्षा स्कूटी से चली गई।
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प्रतीक्षा कॉलेज में दिखेगी इसलिए मै मन के मन में बहुत खुश था। मै कॉलेज के लायब्रेरी में प्रतीक्षा का वेट कर रहा था। प्रतीक्षा मुझे दिखी मैं लायब्रेरी से बहार निकला प्रतीक्षा ने छोटी सी स्माइल दी। मै स्माइल के नसे में बहुत ही डूबा था और प्रतीक्षा अपनी स्कूटी पार्किंग में लगाकर मेरे पास आकर खड़ी हुई। First Love Story
प्रतीक्षा : Hi प्रतिक, किसका वेट कर रहे हो ?
प्रतिक : Hi , कुछ नहीं तुम्हारा वेट कर रहा था।
प्रतीक्षा : चले, क्लास में लेक्चर चालू हुआ है।
इस तरह हमारा बोलना चालू हुआ प्रतीक्षा बहुत ही अच्छी बातें करती थी। प्रतीक्षा के साथ हर दिन बातें होना चाहिए ऐसा लगता था।जैसे-जैसे दिन आगे बढते गए वैसे-वैसे हम दोनों में दोस्ती बढती गई। मेरा अधिकतर समय बॉस्केट बॉल की प्रैक्टिस में गुजर रहा था।मै लेक्चर बराबर नहीं दे रहा था। प्रतीक्षा भी मेरे साथ में खेल की प्रैक्टिस करने के लिए आती थी हम दोनों साथ में ही प्रैक्टिस करते थे और बहुत बातें करते थे। प्रतीक्षा को खेल में कोई दिलचस्बी नहीं थी लेकिन फिर भी मेरे लिए आती थी।हम दोनों प्रैक्टिस के बाद कैंटिंग में जाकर जूस लेते थे। यह मेरे जिंदगी के हसीन पल थे।
कोई चीज पसंद आए यह बढ़ी बात नहीं है, लेकिन कोई लड़की पसंद आए यह बहुत बढ़ी बात है। मैं प्रतीक्षा को मन ही मन में प्यार करता था।एक दिन मैं उसे पूछनेवाला था। उस दिन प्रतीक्षा कॉलेज को आई और कुछ बातें हुई।
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प्रतीक्षा : क्यू रे ? आज इतना शांत क्यूँ है , क्या हुआ तुझे, कुछ बोलता क्यों नहीं है।
प्रतिक : रहने दे, बाद में बताऊंगा।
प्रतीक्षा : चलो गार्डन चले।
प्रतिक : ok, चलो
प्रतीक्षा : तू , कुछ तो बोलनेवाला था।
प्रतिक : हा, सच में बोलू क्या।
प्रतीक्षा : बोल दे , बोलने से मन हलका होता है।
प्रतिक : मै, आपको पसंद करता हु ?
प्रतीक्षा : क क क्या बोला !
प्रतीक्षा ने अपनी स्कूटी बाजु में लगाई और बोली मेरे आँखों में आँखे डाल कर बोल उधर क्या देख रहा है, जभी क्या बोला रहा था अभी बोल मेरे आँखों में आँखे डाल के मै धीरे-धीरे अपनी नजर उसके आँखों की और लेके गया और बहुत हिम्मत कर के कहा, ” तुम्हें मिलना, बातें करना, तुम्हें देखते रहना, पता नहीं मुझे क्या हो गया मै तुम्हारे ही यादों में पल-पल खोया रहता हु लेकिन तुम्हें किसी भी हालत में खोना नहीं चाहता यह डर हमेशा मुझे सताता है ”।
मै उसके जबाब का वेट कर रहा था मुझे लगता था की मै ने कुछ गुन्हा किया। ये ‘ पागल ‘ इधर देख मेरी आँखों की तरफ, मुझे भी तू बहुत पसंद है मुझे भी तेरी याद आती है यह बोलते समय उसकी नजर अलग ही थी लेकिन उसने ऐसा कहा तो मै ख़ुशी से झूम उठा। स्कूटी से हम कॉलेज गए मै मन के मन में बहुत खुश था। इसे प्रपोज कहते है यह भी मुझे मालूम नहीं था।
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कॉलेज में हम साथ मे रहते थे और बातें भी बहुत करते थे। कॉलेज 3 बजे छूटने के बात हम बहुत बातें करते थे। कॉलेज से हम दोनों स्कूटी से घूमने निकलते थे, साथ में फिल्म भी देखते थे, होटल में खाना खाते थे, कॉफी हाउस में हम अक्सर जाया करते थे इस तरह हम एन्जॉय करने लगे।
एक दिन बातों-बातों में मैंने कहा, प्रतीक्षा तेरे लाइफ में मै पहिला ही क्या ? बहुत समय हुआ लेकिन उसके मुँह से कोई शब्द बहार नहीं निकला।
प्रतीक्षा, कुछ बोल ना कोई तेरे लाइफ में होगा तो बता दे, छुपाए मत। प्रतीक्षा बहुत गंभीर हुई और उसकी आँखे पानी से भर के आई।
प्रतिक मेरे दिल में कोई और नहीं सिर्फ तुम हो और तुम्हीं रहोगे।
कॉलेज के दिन बहुत ही अच्छे गए मै कभी-कभी उनके घर में जाता था। मुझे खाने पर बुलाते थे। उसके मम्मी-पापा के साथ मेरा अच्छा परिचय था। मै उनके घर जाता था तभी प्रतीक्षा की शादी के बारे में बातें निकलती थी उसके मम्मी-पापा की इच्छा थी की मै अपने लड़की की शादी नौकरीवाले लड़के के साथ करेंगे। यह सुनकर ऐसा लगता था की मुझे प्रतीक्षा नहीं मिलेगी। प्रतीक्षा के घर के लोग मुझे पसंद करते थे, लेकिन मेरे पास कोई Gov. job नहीं था इसलिए मुझे शादी के लिए कुछ नहीं कहते थे।
कॉलेज होने के बाद प्रतीक्षा का नंबर MBBS को लगता है। अभी प्रतीक्षा बहुत ही बदल गई है, मुझे जन्म दिन के दिन विश भी नहीं करती।उसके घर के लोग भी बदल गए है मेरे से बात भी नहीं करते फोन भी नहीं करते, वे कहा रहते है इसका कोई ठिकाना भी नहीं है।
आज मेरे पास क्लास वन ऑफिसर से ज्यादा इनकम है अभी मै ब्लॉगर हु और ब्लॉगर की इनकम का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है। प्रतीक्षा के मम्मी-पापा प्रतीक्षा के लिए नोकरीवाला लड़का ढूढ़ते है लेकिन मै आज के तारीख में नौकरीवाले से ज्यादा इनकम कमाता हु। मेरे पास सबकुछ है लेकिन कमी है तो मात्र प्रतीक्षा की।
प्रतिक को प्रतीक्षा का इंतजार है…..
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