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यमुना नदी यह उत्तर भारत की नदी है और इसका स्थान गंगा नदी के बराबर का है। यमुना गंगा की बहन है। यमुना के तीर पर श्रीकृष्ण की लीला, श्रीकृष्ण का बचपना गया है। यमुना नदी को ” कृष्णप्रिया ” के नाम से ही फुँकारते है।
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सूर्यदेव और छाया को यमराज और यमुना दो संतान प्राप्त हुए। इन संतानों की माता याने की छाया काले वर्ण की थी इस लिए इन के दोनों संतान काले ही थे। यमराज ने अपने लिए नई नगरी का निर्माण किया जिसका नाम है यमपुरी और इस यमपुरी में पापिओं को दंड देनेका कार्य किया जाता है ,कुछ दिनों के बाद यमुना धरती पर अवतरि हुई। इसलिए यमुना नदी को ”सूर्यकन्या” भी कहते है।
यमुना नदी का उद्गम | Origin of Yamuna River
टिहरी गढ़वाल जिल्हे के ” यमुनोत्री ” में यमुना नदी का उद्गम होता है। उद्गम स्थल देखने के लिए वहा पर पहुचान बहुत ही कठिन है क्यों की बर्फ बहुत रहता है। यमुनोत्री से निकली हुई यमुना बर्फ से ऊपर से सफ़ेद रंग में बहते हुए दरी में निकली है। इस जगह से हिमालय के सफेद बर्फ से ढका हुवा दृश्य बहुत ही प्यारा दीखता है। दरी से निकला हुवा यमुना का जलप्रवाह शिवलीक टेकड़ी को पार करते हुए फ़ैजाबाद जिल्हे के मैदानी क्षेत्र में पहुँचता है।
दिल्ली, ओखला, मथुरा, आग्रा, कालपी, प्रयाग से बहते हुए यमुना गंगा को प्रयाग में मिलती है। सरस्वती नदी प्रयाग में गंगा को मिलती है। गंगा, यमुना और सरस्वती यह तीन महानदियों का संगम प्रयाग में होता है और इस महा संगम को ” त्रिवेणी संग ” कहते है। इस जगह पर गंगा और यमुना का जलप्रवह एक साथ मिलने पर उनका प्रवाह एक-दूजे को आलिंगन देते हुए नजर आते है यह दृश्य बहुत ही प्यारा है।
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गंगा जैसा ही यमुना को पवित्र समजा जाता है। कार्तीक अमवस्या को यमुना में स्नान करने की परम्पर है। इस दिन स्नान करके बहन ने भाई को राखी बांधना बहुत ही शुभ समजा जाता है। उत्तर प्रदेश और बिहार में यह परम्परा है।
यमुना नदी के पवित्रता की भावना आज के युग में भी कम नहीं हुई है। यमुना नदी जिस-जिस ठिकान से बहते हुए जाती है वहा का जीवन सुखी करीत है। यमुना नदी का पानी सिचाई के लिए दिया जाता है, नहर बनाकर लेके जाते है। सन 1874 में 160 कि.मीटर का ओखला नामक ठिकान से बनाया गया है। इसके उपनहर की लम्बाई अगर देखि जाए तो 1604 कि.मीटरतक के प्रदेश को इसका लाभ मिलता है।
दिल्ली, मथुरा, आगरा, यह प्रसिद्ध ठिकान यमुना के तट पर है। दिल्ली भारत की राजधानी है। दिल्ली का लाल किल्ला , आगरा का ताजमहल यह स्थल यमुना के तट पर ही विराज मन है। यमुना के तट पर ” राजघाट ” में राष्ट्रपिता म. गाँधी की समाधी है।
मथुरा भगवन श्रीकृष्ण की जन्मभूमि यमुना के तट पर विराजमान है।
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