speak about your personality : अपने व्यक्तित्व के बारे में बात करें, your personality type, your personality and the spiritual life.
इंसान की सफलता का राज है दूसरों को आप कितना प्रभावित कर सकते हो। अपने स्वभाव को ऐसा बनायें की दूसरे आप से प्रभावित हो व आपको पसंद करें। आपसे मिलना, बातचीत करना, आपकी बाते सुनना व आपकी बातें मानना सबको अच्छा लगे। इसके लिए अपने स्वभाव को हॅसमुख, हितैषी, सकारात्मक व आकर्षक बनायें।
स्वयं का स्वभाव | Own nature (worthy)
लोगो को अच्छी बातें सिखाने के लिए उनको प्रेरित करने के लिए आपका अच्छा बोलना पर्याप्त नहीं है वे बातें आप में दिखनी चाहिए। लोग आपकी बातों को नहीं सुनते है। कहने वाले में पात्रता कितनी है, उतनी ही बातें वे सुनते है। बल्कि कोई व्यक्ति ज्यादा बोले भी नहीं उसका व्यक्तित्व बहुत कुछ बोल देता है और लोग उसको सुन लेते है। speak about your personality
कोई व्यक्ति बहुत चिल्ला-चिल्ला कर बोलता है लेकिन उसके व्यक्तित्व में वह बात नहीं होती तो कोई भी उसको सुनता नहीं है। इसलिए अपने गले को तकलीफ देने से पहले अपने व्यक्तित्व को वैसा बनाओ की जो बात आप लोगों से कहना चाहते हो वह आप में नजर आती हो और नजर भी पूरी तरह आती हो, जरा भी चूक हुई की वह आप में नजर आती हो और नजर भी पूरी तरह आती हो, जरा भी चूक हुई की वह बात कहने का आपका अधिकार समाप्त हो जाता है। speak about your personality
एक व्यक्ति लोगों को जिम्मेदारी की बातें सिखाने की कोशिश करता है, बड़ा जोर देकर वह बात कहता है। बड़ा महत्व उसका समझाता है। लेकिन खुद में कोई जिम्मेदारी नजर नहीं आती, न उसे दिए गए समय का ध्यान रहता है, न उसमें अपनी टीम के प्रति कोई जिम्मेदारी नजर आती है। कोई भी काम बताया जाता है तो हा तो कर देता है लेकिन करता नहीं है। वह कितना भी सीखना चाहे लोगों को जिम्मेदार बनाने की बात नहीं सीखा सकता। speak about your personality
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समय संकेत | Time indication (worthy)
कोई समयबद्धता सिखाना चाहता है, लेकिन खुद समय पर नहीं आता है तो इस विषय पर कोई भी बात करना उसका बेकार है। ऐसे लोग इस विषय पर ज्यादातर चुप रहते है। आप कितना भी चुप रहो लोग आपसे समय पर न आना जरूर लिख लेते है। पुरे देश में आज तक किसी ने कभी नहीं बोलै की देरी से आना चाहिए फिर भी लोगों ने एक दूसरे को देखकर सिख लिया की थोड़ा देरी से जाना चाहिए।
कोई नशा करने वाला नशा मुक्ति की बात सीखना चाहेगा तो कोई उससे सीखने वाला नहीं है। कोई व्यक्ति दूसरों को कहता है की दूसरों के साथ मधुर व्यवहार करना चाहिए लेकिन खुद बात-बात पर गुस्सा कर बैठता है या दिल दुखने वाले शब्दों का उपयोग करता है तो कोई भी उसकी बात को सुन कर अपने आप में परिवर्तन नहीं ला पायेगा।
इस विषय को ठीक से समझ लेना चाहिए। वाक चातुर्य से काम बनने वाला नहीं है।कुछ लोग यहाँ बड़ी चालाकी करते है। कुछ बातों को तो अपनी चर्चा में ही नहीं लेतें क्योंकि उनके व्यक्तित्व में वे बातें होती ही नहीं। कुछ बातों को वे गोलमाल घुमाकर बड़े अस्पष्ट रूप में बोलते है। जिसका सीधा-सीधा कोई मतलब नहीं निकल सके बस लोगों की तारीफ बटोर ले। कुछ लोग ऐसी जगह बोलते ही नहीं है जहाँ के लोग उनको जानते है। वे अनजान लोगों के बिच जाकर बड़े आराम से झूठ का सहारा ले लेते है और अपने लिए तारीफ बटोर लेते है।
दोस्तों ये चालाकियाँ काम नहीं आने वाली है। कितनी भी चालाकी कर लो, परिणाम कुछ आने वाले नहीं है। उल्टा इसमें बड़ा खतरा है। आपकी छवि ख़राब हो जाती है। लोग आपको झूठा समझने लग जाते है।
व्यक्तित्व निर्माण करो | Personality build
छवि बनने में बड़ा समय लगता है लेकिन बिगड़ने में बहुत कम समय लगता है। इसलिए अपने व्यक्तित्व को कुछ ऐसा बनाओ की उसको देखकर लोग बहुत कुछ सिख जाए। बहुत सारे लोग कम बोलते है लेकिन उनका व्यक्तित्व बहुत अच्छा होता है तो लोग उनसे बहुत कुछ सिख जाते है। कुछ लोग बहुत ज्यादा बोलते है लेकिन उनके व्यक्तित्व में कोई अच्छी बात नहीं होती तो उनसे कोई कुछ भी सीखता नहीं है। लोगों की तारीफ पर न जाना लोगों की तालियों पर नहीं जाना। वह उनका शिष्टाचार है।असली बात परिणाम की है, परिणाम लाने है, तो आपसे ज्यादा आपका व्यक्तित्व बोलना चाहिए।
जो भी आप लोगों से करवाना चाहते हो वह खुद ज्यादा करो। यदि आप अपने बच्चों को या अपने डिस्ट्रीब्यूटर को मेहनती बनाना चाहते हो तो आप स्वयं मेहनती बनो। इतनी मेहनत करो की आपका मेहनती होना साफ-साफ दिखाई पड़ता हो। आपके बच्चों में या पूरी आपकी पूरी टीम में वही माहौल बनेगा और स्वतः ही सब यह सिख जायेंगे। शायद उन्हें पता भी नहीं चलेगा की हमने ऐसा कुछ सीखा है।जब माहौल वैसा होता है तो उस माहौल में रहने वाले सभी स्वाभाविक रूप से वैसे ही बन जाते है।
आप अपनी टीम में समयबद्धता सीखाना चाहते है या आप महीने के प्रथम सप्ताह में ज्यादा काम करवाना चाहते है या क्वालिटी टीम बुक पर अच्छा काम करवाना चाहते है कोई भी काम हो जो भी आप टीम से करवाना चाहते है सबसे पहले स्वयं उसे पूरी तरह करें और फिर टीम में वह माहौल बनायें। टीम में निशिचत रूप से वह काम हो जायेगा।