raja rammohan roy biography : राजा राममोहन रॉय ,raja ram mohan roy’s contribution to women’s education, brahmo samaj.
परिचय | introduction
- नाम :- राममोहन रमाकांत रॉय
- जन्म:- 22 में 1772
- जन्मस्थान :- राधानगर ( जी.बरद्वान, बंगाल )
- पिताजी:- रमाकांत रॉय
- माताजी:- तरिनिदेवी
- शिक्षा :- उम्र के 9 वे साल में अरबी-फ़ारसी भाषा का अध्ययन, इ.स 1799 में बनारस में जाकर उन्होंने संस्कृत भाषा की शिक्षा ग्रहण की, इंग्रजी, फ्रेंच, हिब्रू, ग्रीक, और लैटिन भाषा का अभ्यास किया।
- शादी :- ” उमादेवी ” के साथ बालविवाह, प्रथम पत्नी का निधन, उसके बाद दो शादिया हुई।
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राजा राममोहन रॉय के कार्य | Works of King Rammohan Roy
- 1803 में ” तुहफत-उल-मुवाहिदीन ” ( एकेश्वरवाद को नजराजा ) नाम का फरशी भाषा में ग्रंथ लिखा।
- 1809 में रंगपुर में कलेक्टर जॉन डिब्बी इनका दिवान बनके नोकरी की।
- 1815 में ” आत्मीय सभा ” की स्थापन किए।
- 1817 में ” हिन्दू कॉलेज ” की स्थापना किए।
- 1821- 22 में बंगाली भाषा में ” संवाद कौमुदी ” और ” फारसी भाषा में ” मिरात-उल-अखबार ” ऐसे दो साप्ताहिक निकाले।
- 1822 में ”अग्लो हिंदू स्कुल ” की स्थापना की।
- 1826 में संस्कृत वाग्मय के अभ्यास के लिए और हिन्दू एकेश्वरवाद के समर्थन के लिए ” वेदांत कॉलेज ” की स्थापना की।
- 1828 कलकत्ता में ” ब्राम्हो समाज ” की स्थापना की।
- राजा राममोहन रॉय ने सती की प्रथा बंद करने के लिए लोकजागृति किए और उस समय के गव्हर्नर जनरल लार्ड विल्यम बेंटिक ने इ.स 1829 में ” सतिकी प्रथा बंद हुई। बालविवाह, बालहत्या, केशवपन, जातिभेद, बहुपत्नीत्व, इस प्रथा को विरोध था। विधवा पुनर्विवह का समर्थन किया और समाज में विधवा को न्याय मिलना चाहिए इसलिय उन्होंने बहुत ज्यादा कार्य किये।
- राजा राममोहन रॉय ने ” गोदिया ” यह बंगाली भाषा में व्याकरण की पुस्तक लिखें।
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Raja Ram Mohan Roy’s views
- भारतियों ने पुराणी विद्या और धर्मग्रन्थ इनके अध्यन में नहीं रहना चाहिए और गणित व भौतिक शास्त्र का अभ्यास करना चाहिए।
- ब्रह्मो याने की ब्राम्हण की उपासना करनेवाला, ब्रम्ह याने विश्व का अंतिम तत्व, इस अंतिम तत्व की उपासना करनेवाला याने की ब्रह्मो समाज है।
- धर्मशास्त्र में बताये गए विचार स्वतः ज्ञान के आधार पर उसका मंथन करना चाहिए।
राजा राममोहन रॉय को मिले हुए पुरस्कार | Raja Ram Mohan Roy received awards
- दिल्ली का मोगल बादशाह दूसरा अकबर ने राममोहन रॉय को ” राजा ” यह किताब देकर के सन्मानित किया।
राजा राममोहन रॉय की विशेषताएँ | Characteristics of King Rammohan Roy
- आधुनिक भारत के जनक
- मानवतावादी समाजसुधारक
- इंग्लैंड जाने वाले पहले भारतीय
रजा राममोहन रॉय मृत्यु | King Rammohan Roy died
- 27 सप्टेंबर 1833 इंग्लैंड में मृत्यु।