are you ready eddy : क्या आप तैयार हैं?, we are ready are you : हम तैयार हैं आप, we are ready we are ready for the fall, be ready definition.
दोस्तों नमस्ते आपका pravingyan .com में स्वागत है। समाज में रहने वाले कुछ लोग यही सोचते हुए रहते है की, लोग मुझे क्या कहेंगे – बोलेंगें? समाज के डर से कभी-कभी अपनी अच्छी आदततों को भी हम दिखाते नही।
कुछ तो लोग कहेंगें लोगों का काम हैं, ‘कहना’ prefabricated
जोसेफ नाम का एक लड़का था। कॉलेज का उसका पहला दिन था। पहले दिन वह अपने हिसाब से कॉलेज में आया। शर्ट इन किया था। कॉलेज में वह साधे कपड़े पहन कर आता था। उसके कुछ दोस्तों ने कहा यार जोसेफ तू इन मत कर तुझे अच्छी नही दिख ती। दसरे दिन वह लड़का बिना इन किये आया। फिर किसी ने और बोला की तू इन करके क्यूँ नही आया। कॉलेज में इन कर के आना चाहिए तीसरे दिन बालो को तेल न लगाने के लिए बोले पाचवे दिन उसके सूज को लेकर बोले ऐसा उसके साथ कुछ न कुछ होते रहता था।
एक दिन वह लड़का इन सभी बातों से परेशान हो गया और कॉलेज आना ही छोड़ दिया।उसके बाद कॉलेज से फोन आया की आप कॉलेज क्यूँ नहीं आते कारण क्या है कृपया बता दो तब उस लड़के ने अपने सर को उसके साथ जो हुवा यह सभी बाते बताया। जब उसके सर उस से मिलने गए तो जोसेफ पूरी तरह से टूट गया था। बहार निकलना और किसी से मिलना-जुलना यह तक की उसने अपनी पढ़ाई भी छोड़ दी थी। जब उसके सर ने उसकी यह हालत देखी तो उसे प्यार से समजाया। are you ready eddy
सिख
ज़माने में कही प्रकार के लोग है। लेकिन अगर आपको आगे बढ़ाना है तो जो आपको अच्छा लगता है वही करो, अगर लोग मुझे क्या कहेंगे ऐसे ही सोचोंगे तो आगे नही बढ़ सकते जोसेफ ने सर की बाते सुनी और दूसरे दिन से कॉलेज आने लगा।अब उसे कोई कुछ भी बोलते तो वह सिर्फ अपने काम पर और पढ़ाई पर ही ध्यान देता था। are you ready eddy
मात्मविश्वास हमारा बहुमुल्य हिरा इस हिरे को किसी को चुराने मत दो
दोस्तों, मेरे दोस्त के दीदी की शादी बहुत जोर-शोर से हुई। उसके पिताजी ने भी अपनी बेटी के शादी में कोई कसर बाकी न छोड़ी। फिर भी समय पे लोगों ने और बारातियों से भी छोटी-छोटी कमिया निकाली थी। are you ready eddy
यह सुनकर काकाजी को बड़ा दुख हुआ और काकाजी बरातियों से सर झुका के माफ़ी मागने लगे किसी ने मंडप में कमिया निकाले,खाने में कमिया निकाली तो किसी ने बैठक व्यवस्था में कमिया निकाली, काकाजी के एक दोस्त ने उनकी दुविधा में देख कर उनके पास गए और उन्हें पूछा – दयसिंग बेटी के शादी में ऐसी रोने जैसी सुरत बनाके मेहमानों का स्वागत क्यूँ कर रहा है?
तब काकाजी के दोस्त ने समझाया की, तुझे अपनी बिटिया के शादी में जो-जो करना था वह सभी व्यवस्था आप ने पूरी की लेकिन तू लोगों की सुनेगा तो तू कभी खुश नही रह सकता दोस्त तुने अपने हिसाब से तुझे जो-जो करना था, सभी तूने किया अब लोगों की सुनेगा तो तू नाराज रहेगा दोस्त जो अरेजमेंट किया अपने हिसाब से यह सही है।
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तभी काकाजी को अच्छा लगा। काकाजी के दोस्त ने कहा, लोगों की सोच से दुखी मत हो। क्यूँ की लोगों की सोच के बारे में सोचेगा तो हमेशा दुख और दर्द के अलावा कुछ हासिल नही होगा।
आज हर कोई यही सोचता है की लोग मझे क्या कहेंगे? या फिर मैं बहुत बढ़ा आदमी हु और मैं छोटा सा प्रोग्राम करू तो लोग क्या कहेंगे ? किसी गरीब को लगता है की मैं अपनी बेटी की शादी धुमधाम से करू चाहे इसके लिए मुझे अपना मकान,जमीन क्यूँ न बेचना पढ़े क्यूँ की अपनी बेटी की शादी मुझे धूमधाम से करना है।
दोस्तों आप अगर दुसरो के विचाररों को लेकर चलते हो तो आपका बराबर नही है। आप अपने जीवन में कैसा बदलाव चाहते हो। यह सभी बाते आपकी सोच पर निर्भर करती है। सिर्फ इतना ध्यान में रखना चाहिए की, हमारी वजह से किसी का बुरा नही होना चाहिए बल्कि अच्छा होना चाहिए।
सीख
आप अपने लिए अपना टारगेट तय करो उसका नियोजन करो उसी राह पर चलो अगर आपकी सोच अच्छी है, आपका इरादा पक्का है, आत्मविश्वास मजबूत है तो दोस्तों दुनिया की कोई ताकद हमें अपने मंजिल तक जाने से नही रोक सकती।
BEST of LUCK
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