vice president of India : भारत का उप राष्ट्रपति, vice president of india in hindi, vice president of india house, vice president of India news.
कलम 63 नुसार उप राष्ट्रपति पद की नियुक्ति की जाती है। विराजमान 13 वे उप-राष्ट्रपति मा. वैंकया नायडू 8 अगस्त 2017 को पद पर विराजमान हुए है।
उप-राष्ट्रपति का इतिहास | History of Vice President
अ.क्र | उपराष्ट्रपति | कार्यकाल | |
1 | मा . सर्वपल्ली राधाकृष्णन | 13 मई 1952 से 14 मई 1957 | |
2 | मा . जाकिर हुसैन | 13 मई 1962 से 12 मई 1967 | |
3 | मा. वी. वी गिरी | 13 मई 1967 से 03 मई 1969 | |
4 | मा. गोपाल स्वरुप पाठक | 13 अगस्त 1969 से 30 अगस्त 1974 | |
5 | मा. बी. डी जत्ती | 31 अगस्त 1974 से 30 अगस्त 1979 | |
6 | मा. मोहमद हिदायतुल्ला | 31अगस्त 1979 से 30 अगस्त1984 | |
7 | मा. रामस्वामी वेंकटरमन | 31 अगस्त 1984 से 27जुलाई 1987 | |
8 | मा. शंकरदयाल शर्मा | 03 सितम्बर1987 से 24 जुलाई 1992 | |
9 | मा. के. आर. नारायण | 21 अगस्त 1992 से 24 जुलाई 1997 | |
10 | मा. कृष्ण कांत | 21 अगस्त 1997 से 27 जुलाई 2002 | |
11 | मा. भैरवसिंग शेखावत | 19 अगस्त2002 से 21 जुलाई 2007 | |
12 | मा. मोहमद हमीद अंसारी | 11 अगस्त 2007 से 19 जुलाई 2017 | |
13 | मा. वैंकेया नायडू | 08 अगस्त 2017 से पद पर विराजमान |
यह भी पढ़े:
पात्रता
- व्यक्ति भारत का नागरिग होना चाहिए
- उम्र के ३५ साल पुरे होने चाहिए
- राज्यसभा का सदस्य होने की पात्रता
- उप राष्ट्रपति कोई भी सदन का सदस्य नहीं रहता
कार्यकाल
- उप राष्ट्रपति का कार्यकाल 05 साल का रहता था।
- उप राष्ट्रपति पद की शपथ लेने की तारिक से उनका कार्यकाल चालू होता है।
- कार्यकाल पूरा होने के पहले राजीनामा, मृत्यु इस कारन से पद खाली हो सकता है।
- उपराष्ट्रपति का पद खाली होने के बाद राज्यसभा के उपसभापति , सभापति के रूप में कामकाज चलाते है। सभापति को मात्र उपराष्ट्रपति का पद खाली रहता है तभी काम रहता है नहीं तो कुछ भी काम नहीं रहता।
- उपराष्ट्रपति का पद खाली होने के बाद पद का कार्यभार किसी भी व्यक्ति को सोपा नहीं जाता,चुनाव 6 महीने के अंदर होना चहिए ऐसा कुछ बंधन नहीं है, संविधान में लिखा गया है की चुनाव जल्द से जल्द होना चहिए।
कार्य
- उपराष्ट्रपति यह राज्यसभा का पदसिद्ध सभापति है उपराष्ट्रपति हंगामी राष्ट्रपति का काम देखते है तब राज्यसभा का सभापति बनके काम नहीं करता।
मतदार संघ
- लोकसभा के सभी सदस्य – 545
- राज्य सभा के सभी सदस्य – 245
चुनाव
- उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव निर्वाचन आयोग की और से लिया जाता है।
चुनाव पद्धत
- उपराष्ट्रपति पद का 05 साल का कार्यकाल पूरा होने के पहले उपराष्ट्रपति पद के चुनाव की प्रक्रिया पूरी करना अनिवार्य है तथापि, 5 साल का कार्यकाल पूरा होने के पहले चुनाव प्रक्रिया पूरी नही हुई तो उपराष्ट्रपति का कार्यकाल आगे बढ़ता रहता है।
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शपथ
- राष्ट्रपति उपराष्ट्रपति को शपथ देता है। उपराष्ट्रपति के शपथ का नमुना संविधान के 69 में दिया है उपराष्ट्रपति की शपथ राष्ट्रपति के शपथ से अलग रहती है।
राजीनामा
- उपराष्ट्रपति अपना राजीनामा राष्ट्रपति को देते है।
निकाल देने की प्रक्रिया
- राज्यसभा उस समय के पुरे सदस्य संख्या के बहुमत से पारित किया गया ठराव उपराष्ट्रपति को निकाल सकते है। लेकिन ऐसा ठराव पारित होने के बाद लोकसभा की मंजूरी लगती है राज्य सभा में निकाल देना का ठराव देने से पहले उप उप उपराष्ट्रपति को १४ दिन का नोटिस देना जरुरी है।
चुनाव वाद
- उपराष्ट्रपति पद का चुनाव का वाद सर्वोच्च न्यायालय में ही हल किया जा सकता है
वेतन और सुविधा
- उपराष्ट्रपति का वेतन और सभी सुविधाएं संसद ने पारित किया गया कायदे के नुसार दिया जाता है।
- उपराष्ट्रपति का वेतन 1,25,000/-( एक लाख पच्चीस हजार )
- रिटायर्ड के बाद उपराष्ट्रपति को पेंसन मिलती है
- उपराष्ट्रपति को राज्यसभा सभापति के रूप में वेतन मिलता है उपराष्ट्रपति के रूप में नहीं