hargovind khurana hindi : हरगोविंद खुराना जीवनी (biography), hargobind khorana was awarded nobel prize for, hargobind khorana biography in hindi.
dr hargobind khorana ka jeevan parichay: life
डॉ. हरगोविंद खुराना जी का जन्म पंजाब के मुल्तान जिल्हे के रायपुर गांव में इ.सन ०९ जनवरी १९२२ में हुआ था। उनके पिताजी का नाम लाला गणपतराय है , और वे पटवारी थे। मुल्तान के डी ए व्ही कॉलेज से हायस्कूल की पढ़ाई पूरी की कॉलेज में दुतीय क्रमांक से पास हुए। उसका उन्हें बहोत दुःख हुआ। hargovind khurana hindi
कॉलेज में पढ़ाई करते समय उन्हें विज्ञान और इंग्रजी में रूचि थी। सन १९४५ में एम.एस.सी की परीक्षा पास हुए। इ सन १९४६ में पुरे भारत में विज्ञान की खोज की लहर उठी थी। डॉ हरगोविंद खुराना इंग्लैंड के लिवर पूल विश्वविद्यालय में डॉ रोबर्टशन के मार्गदर्शन में जीवशास्त्र के प्रयोग किए। इ सन १९४८ में विश्वविद्यालय ने पी. एच. डी की डिग्री दी। सन १९५० में हरगोविंद खुराना ने केंब्रिज विश्वविद्यालय के नोबेल पुरस्कार विजेते ए.डॉट के साथ में खोज करने का कार्य शुरू किया।hargovind khurana hindi
उनकी शादी एक इंग्लिश लड़की ” एस्थर” के साथ हुई। ‘कृत्रिम गुणसूत्रों ‘ का खोज कार्य शुरू किया। गुणसूत्रों पर जीवन आधारित है। गुणसूत्र की निर्मीती डी. एन. ए. व आर.एन.ए. के सयुंक्त सहयोग से होती है। गुणसूत्रों के माध्यम से संतान प्राप्ति होती है।
यह भी पढ़े: How did Dr.A.P.J.Abdul kalam create Roto
गुणसूत्रों के माध्यम से आदमी की शाररिक रचना , रंग रूप और गुण स्वभाव का अभ्यास करते आता है , मनुष्य में दिघ्र आयुष्य बढ़ाने के लिए गुणसूत्रों का उपयोग होता है , इसलिए गुणसूत्रों का मानवी जीवन में महत्व का स्थान है। इ . सन १९६८ में डॉ. हरगोविंद खुराना जी को ( वैदयकशास्त्र ) नोबेल पुरष्कार दिया गया। डॉ . हरगोविंद खुराना जी नोबेल पुरष्कार लेने वाले तृतीय भारतीय है।
कैनडा में आने के बाद डॉ हरगोविंद खुराना ने डॉ जॉन जी मोफ्ट के साथ ” को – एज़ाइम ” पर खोज करने लगे , उनका मुख्य उद्देश था , जीवन के मुख्य रहस्य , गुण जिस रसायन से मिलते है , उनकी खोज करना था।
उनके खोज को लोगप्रियता मिली और कैनडा के नामवंत शास्त्रज्ञ के नाम से जान ने लगे। इ सन १९५८ में अमेरिका के ” रॉकफेलर ” संस्था के गेस्ट थे। वहा पर उनका भाषण हुआ , भाषण सुनकर वहा के लोग इतने प्रभावित हुए की डॉ हरगोविंद खुराना जी को कायमस्वरूपी काम संस्था में करने को कहा गया। इ .सन १९६० में ” प्रोफ़ेसर इंन्स्टीट्यूड ऑफ़ पब्लिक सर्व्हिस ” की तरफ से कैनडा में ” सुवर्ण पदक ” से सम्मानित किया गया। इ सन १९६४ में अमेरिका का नागरिकत्व स्वीकार किया। डॉ हरगोविंद खुराना जी का निधन ०९ नोहबर २०११ में हुआ।
यह भी जरूर पढ़े:
अल्फ्रेड नोबेल जीवन चरित्र डॉ.हरगोविंद खुराना जीवन चरित्र डॉ.व्ही.एस. नॉयपॉल जीवन चरित्र | भारत के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, |