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1) रॉबर्ट और 2) लुडविन अल्फ्रेड नोबेल के दो भाई थे जो अपने पिता के साथ स्विडन में रहते थे। लेकिन व्यापार में नुकसान हुआ, इसलिए वह स्वीडन से रसिया चले गए। अल्फ्रेड नोबेल एक दयालु आदमी थे, अपने मजदूरों को अपनी कंपनी में बहुत खुश रखते थे। उनकी कंपनी कभी बंद नहीं हुई थी। alfred nobel biography
अल्फ्रेड नोबेल आजन्म अविवाहित थे। उनका कोई परिवार नहीं था, वे कभी घर पर नहीं रहते थे, व्यापर के सिलसिले में वे घूमते ही रहते थे, इसलिए यूरोप में उन्हें ”यरोप का सबसे अमीर भ्रमंती” कहते थे। अल्फ्रेड नोबेल के संस्था में सचिव के पद पर बर्था सुटणर नाम की लड़की थी। अल्फ्रेड नोबेल के साथ दोस्ती थी और उन्होंने अपनी दोस्ती बनाए रखी और इस दोस्त ने विश्व शांति के काम के लिए अल्फ्रेड नोबेल को जगाया। alfred nobel biography
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अल्फ्रेड नोबेल का परिचय | Introduction to Alfred Nobel
- नाम :- अल्फ्रेड इमँन्युएल बर्नार्ड नोबेल
- जन्म दिनांक :- 11 अक्टुंबर 1833
- जन्म स्थल :- स्टॉकहोम ( स्विडन )
- पिताजी का नाम :- इमँन्युएल बर्नार्ड नोबेल
- माताजी का नाम :- अँड्राइट इमँन्युएल बर्नार्ड नोबेल
Alfred Nobel’s Family Life| अल्फ्रेड नोबेल का पारिवारिक जीवन
अल्फ्रेड बर्नार्ड नोबेल का जन्म 11 अक्टूबर, 1833 को स्वीडन देश की राजधानी स्टॉकहोम में हुआ था। उन्हें अपने गाँव से नोबेल नाम मिला इस गाँव का नाम “नोविलोव” था इसलिए उन्हें नोबेल नाम दिया गया। इस गांव में अल्फ्रेड नोबेल के पूर्वज रहते थे। अल्फ्रेड नोबेल के पानजोबा ने उपसना विश्वविद्यालय में प्रवेश किया और फिर ‘नोबेल’ नाम लिया। alfred nobel biography
अल्फ्रेड नोबेल के पिताजी इमँन्युएल बर्नार्ड नोबेल छोटा व्यवसाय करके अपना गुजारा करते थे। उनकी खोज में दिलचस्पी थी। लेकिन उनका व्यवसाय उतना नहीं चला, इसलिए उन पर कर्ज था। कर्ज मांगने के लिए घर आते थे। इसलिए अल्फ्रेड के पिता स्वीडन छोड़कर रशिया चले गए। रशिया में व्यवसाय शुरू किया और उस व्यवसाय में बहुत प्रगति की।
प्राथमिक स्कूली शिक्षा अल्फ्रेड की स्टॉकहोम के स्कूल में हुई। रशिया के सेंट प्रीटर्सबर्ग के खाजगी स्कुल में रसायनशास्त्र की पढ़ाई पूरी की। अध्ययन करते समय, अल्फ्रेड का रसायन विज्ञान के प्रोफेसर “ज़िमिल” सर से परिचय हुआ। उन्होंने रसायन विज्ञान के साथ भाषा का अध्ययन किया और उन्होंने स्वीडिश, रूसी, अंग्रेजी, फ्रेंच और जर्मन आदि का ज्ञान सीखा।
Alfred Nobel’s research work | अल्फ्रेड नोबेल के अनुसंधान कार्य
इ.स.1853 में प्रा.झिमिल का नायट्रो ग्लिसरीन के खतरनाक विस्फोटक पदार्थ पर शोध जारी था। यह पदार्थ बारूद से भी खतरनाक था यह विस्फोटक तयार करने का मान अस्कानिओ सोव्रे नाम के इटालियन वैज्ञानिक को मिला था। अस्कानिओ सोव्रे ने नायट्रिक एसिड मिलाकर बनाया और उसे ”नायट्रो ग्लिसरीन ” नाम दिया। प्रा.झिमिल से प्रेरणा लेकर के अनुसंधान कार्य चालू करना चाहिए ऐसा दृढ़ संकल्प अल्फ्रेड ने किया।
अल्फ्रेड ने अपने पिता के साथ रसायन विज्ञान में अनुसंधान करना शुरू किया, पिताजी के काम में शोध किया और एक दिन उनमे स्व-अनुसंधान करने की इच्छा पैदा हुई। आल्फ्रेड नोबेल ने नायट्रो ग्लिसरीन से सुरक्षा में भी अच्छा और काम करने अच्छा ऐसा स्फोटक पदार्थ का अनुसंधान करने लगे और इस 1833 में ” नोबेल इग्राीयटर ” नाम का विस्फोटक पदार्थ को खोज के निकाले। यह विस्फोटक तैयार करने के लिए आल्फ्रेड नोबेल ने ग्लिसरीन में गंधक मिलाकर बहुत ही शक्तिशाली विस्फोटक तयार किया। इस विस्फोटक का उपयोग खनिज का खोडकाम, पत्थर के तुकडे करना, भवन और रास्ता का निर्माण, सुरंग का खोदकाम इत्यादि के काम में स्फोटक आता था
उद्योग का विस्तार | Expansion of industry
इ.स. 1866 में आल्फ्रेड ने ” डायनामाईट ” इस विस्फोटक के पेटंट लिया। और विस्फोटक पदार्थ का निर्माण करने के लिए ” डिटोनेटर ” कम्पनी का निर्माण किया और पदार्थ की बिक्री चालू किया। आल्फ्रेड ने 1896 में होलुनबर्ग में अपनी खुद की उद्योग संस्था का निर्माण किया। 6 देशों में उनका उद्योग चल रहा था। पेरिस देश से 20 साल तक उद्योग का संचालन किया।
आल्फ्रेड नोबेल श्रीमंत व्यक्ति के नाम से विश्व में पहचान बानी और 300 से भी ज्यादा विज्ञान अनुसंधान का मालक बना।
अल्फ्रेड नोबेल का निधन | Alfred Nobel dies
आल्फ्रेड नोबेल ने इ.स. 1893 में उम्र के 60 पुरे किए और बीमार हुए लेकिन वे अपने काम के प्रति बहुत ही क्रियाशील थे और दो साल के बाद में 10 दिसंबर 1896 में उनका देहांत हो गया। उनका देहांत इटली के सनरिमो शहर के मकान में हुआ। देहांत के समय उनके पास कोई नहीं था वे अकेले ही थे।
अल्फ्रेड नोबेल का मृत्युपत्र | Alfred Nobel’s Letter
आल्फ्रेड नोबेल को ” डायनामाईट ” विस्फोटक सामग्री का दुरूपयोग विध्वंसक कार्य के लिए लोग करेंगे ऐसाड डर हमेशा उनके मन में रहता था।मेरे संपत्ति का उपयोग सत्कार्य के लिए होना चाहिए, ऐसी उनकी इच्छा थी। इसलिए आल्फ्रेड नोबेल ने मरने के पहले एक मृत्युपत्र तयार किया था। डाइनामाईट के सामग्री से मिले हुए पैसो से ” नोबेल ” नामक प्राइज दिया जाए। यह प्राइज वैज्ञानिक, शास्त्रज्ञ और मानव जाती को सबसे ज्यादा फायदा होगा ऐसे कल्याणकारी अनुसंधान किए गए व्यक्ति को प्राइज मिलना चाहिए। ऐसा आल्फ्रेड नोबेल ने अपने मृत्युपत्र में लिखा था।
अल्फ्रेड नोबेल का मृत्यपत्र 1897 में जाहिर किया गया।
नोबेल पुरस्कार समिति | Nobel prize committee
आल्फ्रेड नोबेल ने अपने मृत्यु के पहले अपनी खुद की मालमत्ता, संमत्ति, और पैसा नोबेल पुरस्कार समिति की स्थापना करके उस संस्था को दान किया था।
नोबेल समिति के कुछ नियम थे और नियमो की नियमावली 29 जून 1900 को लागु हुई। इ.स. 1901 से अल्फ्रेड नोबेल के स्मृतिप्रीत्यर्थ :- 1)पदार्थविज्ञान, 2) रसायनशास्त्र, 3) वैद्यकीय अथवा औषधि वैद्यकशास्त्र, 4) साहित्य, 5) जागतिक शांतता इस पांच क्षेत्र में विशेष बहुमूल्य, सार्वजानिक उपयोगिता, अलोकिक व मौलिक संशोधन करनेवाले व्यक्ति अथवा संस्था को नोबेल पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।
नोबेल पुरस्कार प्रदान संस्था | Nobel prize organization
नोबेल पुरस्कार प्रदान करने का अधिकार नामवंत संस्था के तरफ दिया गया है ऐसे संस्था की जानकारी…..
A) रॉयल ” स्वीडिश अकादमी ऑफ़ सायन्सेस ” यह संस्था 1) पदार्थविज्ञान और 2) रसायनशास्त्र ,
B) ” करोलिंस्का इंस्टीट्यूट ” यह संस्था , 3) वैद्यकीय अथवा औषधि वैद्यकशास्त्र
C) ”स्वीडिश अकैडमी ऑफ़ आर्ट्स ” यह संस्था 4) साहित्य, इस चार क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार विजेता चयन करने का अधिकार है।
D) ” नॉवेजियन नोबेल कमिटी ” 5) जागतिक शांतता
E) ” बैंक ऑफ़ स्वीडन ” के सौजन्य से इ.स 1969 से 6) अर्थशास्त्र
प्रति साल 1 फरवरी को नोबेल पुरस्कार समिति के तरफ आए हुए अर्ज पर विचार विनिमय चालू होता है। अक्टुम्बर में नोबेल पुरस्कार समिति अपना निर्णय विजयी संस्था अथवा व्यक्ति को बताती है।
नोबेल पुरस्कार, अल्फ्रेड नोबेल के स्मृतिदिन 10 दिसंबर को हर साल स्वीडन में प्रदान किया जाता है।
नोबेल पुरस्कार राशि : Nobel Prize Money
111 साल की चलते आरही परंपरा को,स्वीडन का सम्राट नोबेल पुरस्कार प्रदान करता है। पुरस्कार के रूप में , प्रशस्तिपत्र , दोन्हों बाजु से अल्फ्रेड नोबेल का चित्र सुवर्ण पदक पर कोरा हुआ रहता है साथ में धनादेश दिया जाता है। धनादेश की राशि ब्याज के नुसार बढ़ते रहती है। धनादेश की कीमत लगभग 2 लाख 20 हजार क्रोनियन डॉलर याने की 20 कोटि रूपये धनादेश की कीमत रहती है।
नोबेल पुरस्कार आयोजन | Nobel Prize organizing
नोबेल पुरस्कार प्रदान करने का समारोह दो जगह पर लिया जाता है : 1) स्वीडन, 2) ओस्लो , ओस्लो में समारोह के समय राजपरिवार के सदस्य मौजूद रहते है।
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