जनसंख्या के बारे में महाराष्ट्र का राज्य से दूसरा स्थान है।महाराष्ट्र पूर्ववर्ती, जागरूक और सक्रिय राज्य है।राज्य में धर्म, पंथ और परंपरा है। बढ़ती लोकसंख्या, विविधता, स्वार्थी प्रवृत्ति आदि कारणों से गांव में आपसी विवादों की सुरवात होती है, इसका परिणाम समाज पर होता है और परिवार, समाज और गांव की शांतता असुरक्षित होती है। इस कारण विवादों का निर्माण होता है और इसका परिणाम प्रशासकीय यंत्रणा और न्यायिक यंत्रणा पर बढ़ा तनाव पढ़ता है। इसका परिणाम राज्य के विकासो पर पढता है। ऐसे स्थिति में लोगो को जल्द से जल्द कम खर्चो में न्याय मिलने के उद्देश्य से एक पर्यायी व्यवस्था के रूप में सन 1980 में लोकअदालत की स्थापना की गई। तालुका व गांव स्तरीय पर लोकअदालत के माध्यम से बहुत ही शांत गति से खटलो का निवारण कीया जा रहा है।
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राज्य में लोकअदालत व पर्यायी विवाद निवारण पध्दत उपलब्ध होने बावजूद, विवाद निर्माण न हो व निर्माण हुए विवाद गांव स्तरीय ही निपटारा हो इस उद्देश्य से एक व्यापक मोहिम के माध्यम से लोकसहभाग के जरिये एक अच्छा वातावरण निर्माण करने के उद्देश्य से तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मा. आर आर पाटिल इन्होने 15 अगस्त 2007 को महात्मा गाँधी तंटामुक्त गाँव मोहिम की सुरुवात की।
❂ डॉ.ए.पी.जे अब्दुल कलाम जिवनी
तंटामुक्त योजना के उद्देश्य :
1. गाँव स्तरीय विवाद निर्माण न हो इसलिए इस उपक्रम को लागु किया गया।
2. दाखल (नोंदणी) किया गया व नये रूप में निर्माण हो रहे विवाद का निपटारा करना।
3. गाँव के लिए गांव में ही लोकसहभाग के माध्यम से तत्काल व आपसी सर्वसामान्य न्याययुक्त व्यवस्था का निर्माण करना।
4. गाँव की जनता में जातीय ,धार्मिक ,सामाजिक ,राजकीय सामंजस्य स्थापित कर सुरक्षा की भावना का निर्माण करना।
5. पुलिसो के कामो में पारदर्शिता लाकर ,जनमानस में विश्वास लाके जनता की सेवक के रूप में प्रतिष्ठा प्राप्त करना।
6. लोकसहकार्य के माध्यम से अवैध धंधो पर प्रतिबन्ध लगाना व उनका निर्मूलन करना।
7. भ्रष्टाचार व भ्रस्टचारी प्रवृति को कम करने के उद्देश्य से प्रयत्न करना।
8. अनिष्ट प्रथा व परम्परा नष्ट करने हेतु लोक जनजागृति कार्यक्रम को प्रोत्साहित करना।
योजना को क्रियान्वित करने हेतु समितियाँ
महात्मा गाँधी गाँव मोहिम को क्रियान्वित करने हेतु राज्य ,जिल्हा ,तालुका,पुलिस थाना ,गाँव स्तर पर समिति स्थापित करना। गांव स्तर पर समितियों के माध्यम से समाज के सभी घटको का प्रतिनिधित्व किया जाता है। समिति का अध्यक्ष ग्रामसभा के माध्यम से चुना जाता है।
योजना को क्रियान्वित करने का कालबद्ध कार्यक्रम :
- प्रतिवर्ष 15 अगस्त के दिन तंटामुक्ति समिति के मोहिम का शुभारंभ होता है।
- दिनाँक 15 अगस्त से 30 अगस्त इस कालावधि में ग्रामसभा आयोजित कर ग्रामपंचायत मोहिम की सहभाग निश्चित करने के उद्देश्य से तंटामुक्त ग्राम समिति का चुनाव किया जाता हैं।
- दिनाँक 30 सेप्टेंबर पूर्व के सभी गांव के सर्व विवाद दाखलो की यादि बनाकर नोंदणीकृत किया जाता है।
- दिनाँक 31 मार्च तक गांव के नोंदवही में नोंदणीकृत व नविन निर्माण हुए विवाद खत्म करने हेतु तंटामुक्त गाव समिति द्वारा प्रयत्न किया जाता है।
- नविन निर्माण हुए विवाद समय-समय पर निवारण करके गांव तंटामुक्त हो चूका है इस निष्कर्ष को दिनांक 1 मई के ग्रामसभा में गांव तंटामुक्त हो चूका ऐसा जाहिर किया जाता है। और संबंधित पुलिस थाना ,व तहसीलदार को तंटामुक्त समिति द्वारा सुचना दी जाती है।
- जिल्हा स्तरीय कार्यकारी समिति द्वारा दिनांक 5 जून के पूर्व तंटामुक्त गांव का अहवाल राज्य शासन ,पुलिस महासंचालक व अन्य को 10 जून के पहले भेजा जाता है।
- जिल्हा स्तर कार्यकारी समिति ने जिल्हा बाह्य मूल्य मापन के लिए उनको दिए गये गावो का मूल्य मापन कर 31 जुलाई तक राज्य शासन को माहिती सादर की जाती है।
- प्रति वर्ष दिनांक 1 अगस्त के दिन राज्य शासन ,राज्यों के तंटामुक्त हुए गावो की यादि जाहिर करती है।
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